”तुम कब जाओगे , अतिथि’ के पाठ पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न // Objective Questions based on NCERT Sparsh-2 Ch 3 Grade 9th 'Tum Kab Jaoge, Atithi"
A.
उस दिन जब तुम आए थे, मेरा हृदय किसी अज्ञात आशंका से
धड़क उठा था। अंदर-ही-अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया। उसके बावजूद एक स्नेह-भीगी
मुसकराहट के साथ मैं तुमसे गले मिला था और मेरी पत्नी ने तुम्हें सादर नमस्ते की
थी। तुम्हारे सम्मान में ओ अतिथि , हमने रात के खाने को एकाएक उच्च-मध्यम वर्ग के
डिनर में बदल दिया था। तुम्हें स्मरण होगा कि दो सब्जियों और रायते के अलावा हमने
मीठा भी बनाया था। इस सारे उत्साह और लगन के मूल में एक आशा थी । आशा थी कि दूसरे
दिन किसी रेलगाड़ी से एक शानदार मेहमाननवाज़ी की छाप अपने हृदय में ले तुम चले जाओगे। (क)”अंदर-ही-अंदर
कहीं मेरा बटुआ काँप गया।’” कहने से लेखक का आशय है –
(i) लेखक का बटुआ अतिथि से डर गया। (ii)पैसे खर्च होने का डर सता रहा था।
(iii) बटुए को ठंड लगने लगी। (iv)
बटुए में पैसे नहीं थे।
(ख) लेखक ने अतिथि के स्वागत में क्या किया?
(i)स्नेह-भीगी मुस्कान से गले मिला। (ii) उच्च-मध्यम वर्ग का
डिनर खिलाया।
(iii)खाने में मीठा बनाया। (iv) उपरोक्त सभी
(ग) लेखक ने डिनर में अतिथि को क्या खिलाया?
(i)दो सब्जियाँ, रायता और मीठा (ii) आइसक्रीम
(iii) खिचड़ी (iv) रोटी और दाल
(घ)अतिथि का शानदार स्वागत करने के मूल में आशा थी कि अतिथि
(i) उन्हें धन्यवाद कहेगा। (ii) दूसरे लोगों से तारीफ़
करेगा।
(iii)कुछ दिन और रुकेगा। (iv) शानदार मेहमाननवाज़ी
की याद लेकर जाएगा।
(ङ)उपरोक्त गद्यांश से आपको मध्यम वर्ग की किस स्थिति
का पता चलता है?
(i) वे अतिथि देखकर खुश होते हैं। (ii) वे अतिथियों को पसंद
नहीं करते ।
Answer>
तुम जहाँ बैठे निस्संकोच सिगरेट
का धुआँ फेंक रहे हो, उसके ठीक सामने एक केलेंडर है। देख रहे हो ना ! इसकी तारीखें अपनी सीमा
में नम्रता से फड़फड़ाती रहती हैं। विगत दो दिन से मैं तुम्हें दिखाकर तारीखें बदल
रहा हूँ। तुम जानते हो, अगर तुम्हें हिसाब लगाना आता है कि
यह चौथा दिन है, तुम्हारे सतत आतिथ्य का चौथा भारी दिन! पर
तुम्हारे जाने की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती। तुम अपने भारी चरण-कमलों की छाप
मेरी जमीन पर अंकित कर चुके, तुमने एक अंतरंग निजी संबंध
मुझसे स्थापित कर लिया, तुमने मेरी आर्थिक सीमाओं की बैंजनी
चट्टान देख ली, तुम मेरी काफ़ी मिट्टी खोद चुके। अब तुम लौट
जाओ।
(क) लेखक कैलेंडर की तारीखें बदल कर
क्या संकेत देना चाहता है?
(i) दिन बदल गया (ii)समय जल्दी गुजर जाता है।
(iii)कैलेंडर
बहुत सुंदर है। (iv) मेहमान को वापस जाने का इशारा।
(ख) लेखक कितने दिनों से तारीखें बदल
रहा है?
(i) दो (iii) तीन (ii) चार (iv) पाँच
(ग) अतिथि कौन सी छाप अंकित कर चुके ?
(i) भारी चरण
कमलों की (ii) सतत आतिथ्य की
(iii) नम्रता की (iv) आर्थिक सीमा की
(घ) “तुम मेरी काफ़ी मिट्टी खोद चुके।“
का आशय है-
(i) अतिथि का
सम्मान करना (ii)लेखक
का बज़ट गड़बड़ा जाना
(iii) घर से
मिट्टी बाहर निकालना (iv) अपमानित करना ।
(ङ) तुमने मेरी आर्थिक सीमाओं की
बैंजनी चट्टान देख ली” रेखांकित वाक्यांश द्वारा क्या कहने का प्रयास किया
है?
(i) उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति (ii) लेखक की दीवार बैंजनी थी।
(iii) अतिथि पर व्यंग्य करना (iv) रहस्य खोल देना।
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